रविवार की रात को एक हादसा हमारे साथ हो गया। पतिदेव का मोबाइल चोरी हो गया। दरअसल हम जैकेट लेने के लिए रविवार की रात को अक्षरधाम मंदिर के पास फ्लाइओवर के नीचे चल रहे लुधियाना स्वेटर मेले में गए। नोएडा मोड़ पर लगने वाले इस मेले में हम पहले भी जा चुके थे और यहां बच्चे के लिए अच्छे स्वेटर मिल गए। हमने सोचा कि चलो एक आध जैकेट यहां से ले ली जाए। खाना बनाने के बाद आठ बजे हम वहां गए तो कुछ खास भीड़ नहीं थी। यही कोई ८ या दस लोग थे और १०-१२ लोग मैनेजमेंट के थे। बच्चा (आतंकवादी और शायद मोबाइल चोरी होने के लिए बड़ा जिम्मेदार वही है) हमारे साथ था और जरूरत से ज्यादा उछलकूद कर रहा था। पतिदेव जैकेट देखने लगे और मैं बच्चे को पकड़ रही थी। अचानक बच्चा उछलकूद करने लगा। मैं उसको पकडऩे के लिए यहां वहां दौडऩे लगी। तभी पतिदेव को एक जैकेट पसंद आई और उन्होंने अपनी पहनी हुई जैकेट उतारकर मुझे दी। मैंने जैकेट पक ड़ ली और बच्चे को कसकर गोद में पकड़ लिया। लेकिन ये शरारती महाराज कहां रुकने वाले थे। इन्होंने जोर मारा और मेरे हाथ से कूद पड़े। इनके गिरने के डर से मैने जैकेट को हाथ में मरोड़ लिया और इनके पीछे भागी। तभी दो एक लोग मुझसे टकराए और काम हो गया। मेरा ध्यान तब भी नहीं गया। इन्होंने जैकेट पसंद करके काउंटर पर भिजवाई और जैसे ही अपनी जैकेट पहनी, इनके मुंह से निकला ओह! मोबाइल गया। मेरे तो पसीने छूट गए। हमने सारा स्टाल छान मारा। लेकिन कहीं नहीं मिला। फिर एक दो लोगों के फोन से बैल भी मारी लेकिन चोर ने उसकी बैटरी निकाल दी थी। बड़ी मायूसी से हम लौट चले। ७५० रुपए की जैकेट हमे ६००० रुपए की पड़ी।
नन्हा आतंकवादी - नन्हे आतंकवादी पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन क्या क रूं उस पर गुस्सा निकाल नहीं पा रही थी। क्योंकि वो अभी भी उतनी ही उछलकूद कर रहा था और हंस रहा था। मोबाइल में दो सिम कार्ड और एक एक जीबी का मेमोरी कार्ड था। पतिदेव ने तुरंत पांडव नगर थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई और एफआईआर की कापी लेकर घर लौटे।
लापरवाह एमटीएनएल- उधर मैं एमटीएनएल के कस्टमर केयर को नंबर लगा रही थी लेकिन कोई नंबर उठा कर काट रहा था। ऐसे में एमटीएनएल पर बड़ा गुस्सा आया। सच में कितने लापरवाह है इस कंपनी के लोग। कल को इस नंबर को दुरुपयोग हुआ तो कंपनी इस चीज की जिम्मेदारी नहीं लेगी। आखिर कस्टमर केयर २४ घंटे खुलता है लेकिन अधिकारी क्या नींद लेने के लिए आते हैं। आज ईद की छुट्टी है तो जाहिर सी बात है कि आज एमटीएनएल का दफ्तर आज खुलेगा नहीं। कल तक पतिदेव को बिना मोबाइल के रहना होगा।
शक - मुझे स्टाल के मैनेजमेंट पर पूरा शक है। वहां कई लोग थे जो यहां वहां (काम न होने पर भी) घूम रहे थे और लोगों से टकरा रहे थे। एक लड़की ने बताया भी कि सुबह से तीन मोबाइल यहां गायब हो चुके हैं। लेकिन हम भी क्या करते, लोगों की तलाशी तो नहीं ले सकते थे। लग गया था पांच हजार का फटका। सच बुरा ही रविवार था। इस महीने का बजट बनाते समय हाथ कुछ टाइट रखना होगा।
Monday, December 8, 2008
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4 comments:
अफसोस... पर नन्हा बहुत प्यारा है.. उसे क्या पता की चोरी क्या होती है कौन करता है?
पढ़ कर खेद जाहिर करने के अलावा क्या किया जाए. आगे सावधानी बरतें.
हमने अपना मोबाइल रंग दे बसंती के इंटरवल में खोया था.....पुलिस वालो ने सिर्फ़ इसलिए रिपोर्ट लिखी हम डॉ थे ओर थाना मेडिकल था .वरना वहां उस वक़्त one day मैच टी वी पर चल रहा था .....खैर सब मिली भगत है तब से हम सार्वजानिक जगहों पर सतर्क रहते है
भाई हमारा मोबाईल एक दो बार खोया, लेकिन जिसे भी मिला उस ने हमे फ़ोन कर के लोटा दिया, हम भी यही करते है,आज कल तो मोबाईल मै GPS लगा आने लगा है, आप का मोबाईल खो गया कोई बात नही जब भी चोर उसे चलायेगा, आप को पता चल जाये गा कि वो इस समय कहा है,हमेशा मोबईल को ऎसी जगह रखे जहा से गिर ना पाये, या फ़िर कलिप लगा कर ओर कलिप को चेन से बांध कर रखे अगर गिरे भी तो खोये नही आप को पता चल जाये, चेन ओर कलिप मेने भारत मे भी देखे है.
चलिये अगली वार धयान रखे
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