Wednesday, November 26, 2008

मुंबई पर हमला लेकिन कहां गए राज ठाकरे

मुंबई पर आतंकी हमला। समुद्र के रास्ते बाहर से आए इन आतंकियों से निपटने के लिए पुलिस, सेना और कमांडो मुस्तैदी से जमे हुए है। कई अधिकारी शहीद हो चुके हैं लेकिन 'दि ग्रेट मराठी मानुस राज ठाकरे ’ कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। कहां गए अपने ठाकरे साहब। मुंबई में बसे बाहरी लोगों के लिए आतंक का पर्याय बने राज ठाकरे को इन बाहरी आतंकियों से लोहा लेना चाहिए और उन्हें मुंबई से बाहर करना चाहिए। यही नहीं ठाकरे के कार्यकर्ताओं को सेना की मदद करनी चाहिए। लेकिन राज ठाकरे हैं और उनकी मनसे सेना है कहां। अब र्कोई नजर नहीं आ रहा लेकिन कुछ दिन पहले सब शेर की तरह गरज रहे थे कि मुंबई मराठियों की है। मराठियों के हितों के लिए जान देने का दावा करने वाले राज ठाकरे इस समय डर के मारे अपने बिल यानी घर में छिपे बैठे हैं। मानो आतंकी अब उन पर ही हमला करने वाले हैं। सच कितने डरपोक और स्वार्थी है राज ठाकरे जैसे नेता। राजनीतिक लाभ लेने के लिए मराठी मानुस को मुद्दा बनाकर अपने ही देश के लोगों पर कहर बरपाते हैं। लेकिन जब बाहरी दुश्मन देश पर हमला करते हैं तो बिल में छिपकर बैठ जाते हैं।
ये संकट का समय है। ऐसे में राजनीति छोड़कर आपसी सहयोग करना चाहिए। अभी टीवी देख रही थी कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आज तक न्यूज चैनल पर बयान दे रहे थे। ज्योंहि संवाददाता ने इस संबंध में एक राजनीतिक सवाल पूछा, मोदी ने उसे लताड़ दिया। उन्होंने कहा कि यह साझा संकट है और इस समय राजनीतिक सवाल नहीं पूछने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह ९/११ के हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया है उसी तरह भारत को भी इस संबंध में कड़ी और ठोस नीति अपनानी चाहिए। मै भी मोदी की बात से सहमत हूं।

19 comments:

Anonymous said...

मैं भी मोदी जी की बात से सहमत हूं

कुश said...

modi ji ne bilkul thik kaha..

"अर्श" said...

aapki bat se main bhi sahmat hun magar abhi wakt hai ek jut hone ke,ghar ka kalah ham baad me suljha lenge,anyatha na le magar mere hisab se unme abhi paripakwa rajniti ke liye wo sahi nahi hai...
dhero abhar aapka..

arsh

Arun Arora said...

सरकार सेना और संतो को आतंकवादी सिद्ध करने जैसे निहायत जरूरी काम मे अपनी सारी एजेंसियो के साथ सारी ताकत से जुटी थी ऐसे मे इस इस प्रकार के छोटे मोटे हादसे तो हो ही जाते है . बस गलती से किरेकिरे साहब वहा भी दो चार हिंदू आतंकवादी पकडने के जोश मे चले गये , और सच मे नरक गामी हो गये , सरकार को सबसे बडा धक्का तो यही है कि अब उनकी जगह कौन लेगा बाकी पकडे गये लोगो के जूस और खाने के प्रबंध को देखने सच्चर साहेब और बहुत सारे एन जी ओ तीस्ता सीतलवाड की अगुआई मे पहुच जायेगी , उनको अदालती लडाई के लिये अर्जुन सिंह सहायता कर देगे लालू जी रामविलास जी अगर कोई मर गया ( आतंकवादी) तो सीबीआई जांच करालेगे पर जो निर्दोष नागरिक अपने परिवार को मझधार मे छोड कर विदा हो गया उसके लिये कौन खडा होगा ?

डॉ .अनुराग said...

मुलायम ,अमर ओर राज ठाकरे .....सब अपनी ऐ सी कमरों में दुबक कर बैठे होगे.......शायद अब अमर सिंह से पूछकर ए. टी एस को ताज पर बचाव की कार्यवाही करनी चाहिए थी .....अब देश को चेतना का समय आ गया है.....कही न कही हम सब को दलगत ,घटिया ,छिछोरी राजनीती करने वालो को बिल्कुल नकारना होगा....अगर इस देश को बचाना है

Unknown said...

दो-चार दिन तक ब्लॉग़ पर चिल्लाते रहेंगे (मैं भी), बस फ़िर ठण्डे होकर अपने-अपने काम में लग जायेंगे (मैं भी)… किसी के पास कोई समाधान तो है नहीं, यदि है भी तो सुनेगा कौन उसकी? क्या नरेन्द्र मोदी को गृहमंत्री बना दोगे? कई लोगों (सेकुलर हिन्दुओं) को मोदी का नाम सुनते ही पेटदर्द होने लगता है, फ़िर?

तरूश्री शर्मा said...

आम भारतीय जैसे आए दिन इस तरह के विस्फोट झेलने के लिए अभिशप्त हो गया है। कुछ दिन भी नही बीतते कि इस तरह के हादसों की खबरें अंदर तक हिला देती हैं....हर बार दिल चीखता है कि बस, अब और नहीं।

सुधीर राघव said...

इस संवेदनशील समय में मौदी जी जैसे अति संस्कारशील नेता से ऐसे ही बायनों की उम्मीद की जा सकती है। उत्साहित स्रोता हमेशा उनके बयान पर ताली पीटने को तैयार रहते हैं। देश सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है हम एकजुटता दिखाने की जगह क्षेत्रवाद के मुद्दे की आग में घी डालें यही उम्मीद हमें अपने होनहार नेताओं से है। वैसे भी समंदर के रास्ते जो देश पर हमला हुआ है, जांच ऐजेंसियों का कहना है कि आतंकी गुजरात के रास्ते ही मुंबई पहुंचे हैं। बयान देने के लिए नींद से जागे मोदी। इसके लिए हम उनके लिया तालियां बजा सकते हैं।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

विनीता जी, राज ठाकरे जैसे रीढ़विहीन नेता अगर राजनीति में हैं तो केवलमात्र अपने क्षुद्र स्वार्थ एवं महत्वाकांक्षाओ की पूर्ती हेतु.
आज जरुरत है एक ऐसे दृड़ इच्छाशक्तियुक्त नेतृत्व की,जो कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कठोर निर्णय ले सके.अन्यथा इस देश का भगवान ही मालिक है (शायद वो भी ईंकार कर दे)

Anonymous said...

हमारे sudhir raghav उर्फ adwet जी तालियां तो पीट ही सकते हैं. इन्हें कहां से इल्हाम हुआ है कि जांच एजेन्सियों ने बताया है कि आतंकी गुजरात के रास्ते मुंबई पहुंचे? यदि जांच एजेन्सियों को पता था तो क्या कर रहीं थीं?
आप तो तालियां बजा ही लीजिये, और कर भी क्या सकते हैं?

Anonymous said...

राजठाकरे भी उसी बिल में जाकर छिप गये हैं जहां पर लालू और अमरसिंह छिप कर बैठे हैं. ये क्या किसी चाराचोर या देश बेचने वाले दलाल से कम हैं?

दिनेशराय द्विवेदी said...

ये आमची मुंबई है
राज ठाकरे की नहीं
पूरे भारत की है।

Anonymous said...

फिलहाल मै भी मोदी की बात से सहमत हूं।

आईये हम सब मिलकर विलाप करें

Smart Indian said...

अच्छा सवाल उठाया है आपने. राज ठाकरे और अमर सिंह जैसे भड़काऊ और देशभक्तों की शहादत पर सवाल उठाने वाले लोग भी एक तरह से देश का अहित ही कर रहे हैं. संकट की इस स्थिति में बहुत साहस, एकजुटता और परिपक्वता की ज़रूरत है.

Unknown said...

modi ko pm bana do ..... en pakistaniyo ki hakdi nikal jayegi.... chuhoon ko bil mein ghusa dega

Anonymous said...

मोदी जैसा या तो प्रधानमंत्री होना चाहिये या कम से कम गृहमंत्री, ये बाकि चिल्लाने वाले नेता तो अभी जान बचाके कहीं दुबके होंगे।

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही अच्छी बात लिखी आप ने, अब कुच करने का समय है, लेकिन निक्कमे नेता अपनी अपनी बिलो मै घुस गये कमीने , कुछ दिनो बाद फ़िर से वोट मांगने आ जायेगे.
मै आप के लेख से सहमत हू.

Anonymous said...

हमारी मित्र मंडली में यही कहा जाता है, वह वहीं छुप गया होगा जहाँ से इस दुनिया में आया था

Anil Pusadkar said...

सहमत हू आपसे।