Wednesday, December 3, 2008

नन्हे मोशे का भविष्य

क्या होगा उस नन्ही सी जान का...। कौन उसे वो ही लाड़ देगा, जो उसके मां-बाप दिया करते थे। क्या उसका भविष्य वैसा ही हो पाएगा, जैसा उसके मां-बाप ने संजोया था। वो रात में किसके आंचल में छिपकर सोया करेगा। रात में उठने पर मां की गंध न महसूस करने पर वो कैसा महसूस करेगा। असहाय और आंखों में आंसू लिए मैं कई दिनों से ये सोच रही थी। डा. अनुराग के ब्लाग ने आंसुओं का सैलाब और बढ़ा दिया। दिल भर्रा रहा है और बैचेनी सी है। बार बार मोशे की तुलना अपने खेलते हुए बेटे से कर सकती हूं। क्या कसूर है मोशे का, अपने जन्मदिन का केक काट रहा था और मां बाप को खो बैठा। क्या ये जन्मदिन वो कभी भूल पाएगा। मोशे अभी नासमझ है। लेकिन इसी दौर में बच्चे को मां बाप के प्यार, दुलार और संरक्षण की सबसे ज्यादा जरूरत रहती है। मां का लाड़ प्यार अब कौन करेगा। उसकी किलकारियों पर कौन उसे गोद में उठाकर झूमेगा। बेचारा बच्चा, उसे अभी तो पता ही नहीं कि उसके साथ ये क्या हो गया है। .......सच कह रही हूं, उसका ख्याल आते ही आंसू निकलने लगते हैं और मेरे पति कहते हैं कि खुद को संभालो। लेकिन उस बच्चे को कौन संभालेगा जो अनाथ हो चुका है और जिसका भविष्य वैसा नहीं बन पाएगा, जैसा उसके मां-बाप चाहते थे। गला भारी हो चुका है और अब और नहीं लिख पा रही हूं। आप समझ सकते हैं मां की भावना, जो हर बच्चे को एक जैसा समझती है। बस उसी के चलते लाचार हूं।

4 comments:

दीपक कुमार भानरे said...

शिकायत है उस खुदा से
इस नन्हे मासूम मोशे का क्या कसूर था जो उसे बचपन मैं ही माता पिता का साथ और प्यार खोना पड़ा .
खुदा ही जाने उस नन्हे को आगे कितनी परेशानिया झेलने पड़ेगी . खुदा उसे खुश रखे .

Anonymous said...

ssahi kaha dil ro padta hai nanhi jaan ke liye,uska kya kasoor tha? maa pitah khoe wo bhi janam din par,sach e uparwala bhi na kahi kabhi bada beraham ho jata hai.moshe ke sunahare bhawishya ke liye har bhartiya kidua rahegi.

डॉ .अनुराग said...

सच कहूँ तो मै भी बहुत भावुक था इसे लिखते वक़्त... इतना की कई बार मुझे रुकना पड़ा ....उसकी कई तस्वीरे देखी....हिम्मत नही हुई ....ओर देखने की.....क्लीनिक में था ....पर मुश्किल हो गया....किसी से शेयर नही करता ....पर मेरा बेटा ५ साल का है....ओर अब भी रात को मेरा इंतजार करता है....माँ की बात तो जाने दे ....नन्हा कैसे रहेगा ..?कब से टीस रही थी ये बात .....

राज भाटिय़ा said...

क्या हम सब मिल कर उस के लिये कुछ ऎसा कर नही सकते?? क्या कोई ऎसा परिवार उसे गोड नही ले सकता जिन के बच्चा ना हो?? क्यो नही इस के बारे किसी भारतीया अख्बार मे निकाला जाये??
इस बच्चे के बारे पढ कर आंखो से आंसु ही निकलते है, ओर दिमाग सुन हो जाता है ओर सोच एक दम ्ठहर सी हो जाती है.
धन्यवाद