दिल्ली मैं पैदा हुई और दिल्ली में ही पली बढ़ी. पेशे से पत्रकार हूँ और मन से एक ऐसी लेखक जिसकी कलम कोई बंधन नही मानती. लेखन में गंभीर विषयों से परहेज है और मन मुताबिक जो दिमाग में आया लिख मारा... मन पगलाया सा उन्मुक्त खुले आसमां में उड़ना चाहता है....और तो और अपने बेटे का नाम भी मैंने मन रखा है ताकि वो आजादी से मेरे सपनो के आसमां में उड़ सके.
1 comment:
vha bitiya ki ada to bhut katil hai.
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