दिल्ली मैं पैदा हुई और दिल्ली में ही पली बढ़ी. पेशे से पत्रकार हूँ और मन से एक ऐसी लेखक जिसकी कलम कोई बंधन नही मानती. लेखन में गंभीर विषयों से परहेज है और मन मुताबिक जो दिमाग में आया लिख मारा... मन पगलाया सा उन्मुक्त खुले आसमां में उड़ना चाहता है....और तो और अपने बेटे का नाम भी मैंने मन रखा है ताकि वो आजादी से मेरे सपनो के आसमां में उड़ सके.
8 comments:
झकास बोले तो.......
कई प्रजाति के लोग हैं आपके परिवार में।
vah kya family hai.
achhi family ki achhi photo. bahut khoob.
एक से बढ कर एक,
धन्यवाद
जीवन धन्य हुआ आपके परिवार से मिल कर!!
कितने प्यारे लोग हैं. दिन अच्छा बीत जाता होगा. :)
बहुत सुंदर , परिवार तो परिवार ही होता है चाहे वो इंसानों का हो या जानवरों का
myself really pleased to get introduced with your variety family
visit me on manoria.blogspot.com
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